छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन से मनीष मिश्रा की छुट्टी
छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन की आज राजधानी रायपुर के बूढ़ा तालाब में आयोजित सहायक शिक्षक फेडरेशन की महा पंचायत में फेडरेशन के निवर्तमान प्रदेशाध्यक्ष मनीष मिश्रा सहित कौशल अवस्थी ,शिव मिश्रा ,सुखनंदन यादव आदि दर्जनों प्रांतीय पदाधिकारियों की फेडरेशन से छुट्टी कर दी गयी है।
राजधानी रायपुर में जुटे हजारो सहायक शिक्षकों तथा प्रत्येक जिले से पहुंचे जिला अध्यक्षों ने आम सहमति से मनीष मिश्रा ,कौशल अवस्थी ,शिव मिश्रा ,सुखनंदन यादव ,राजू टंडन ,अश्वनी कुर्रे ,रंजीत बनर्जी ,बसंत कौशिक ,छोटेलाल साहू ,हेमकुमार साहू को छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन की प्राथमिक सदस्यता से तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है।
महापंचायत में लिया गया फैसला
छत्तीसगढ़ प्रदेश के कोने -कोने से पहुंचे हजारो की संख्या में सहायक शिक्षकों और सहायक शिक्षक फेडरेशन के सभी जिलाध्यक्षों ने सर्वसम्मति से मनीष मिश्रा ,कौशल अवस्थी ,शिव मिश्रा ,सुखनंदन यादव ,राजू टंडन ,अश्वनी कुर्रे ,रंजीत बनर्जी ,बसंत कौशिक ,छोटेलाल साहू ,हेमकुमार साहू आदि शिक्षक नेताओं को सहायक शिक्षक फेडरेशन के प्राथमिक सदस्यता से बाहर का रास्ता दिखा दिया है।
आज राजधानी रायपुर में प्रदेश के हजारो सहायक शिक्षक अपनी एक सूत्रीय मांग वेतन विसंगति को लेकर एकत्रित हुए। उपस्थित हजारो सहायक शिक्षकों की भारी भीड़ में निर्णय लिया गया किआगामी 5 दिसंबर 2021 तक सरकार सहायक शिक्षकों की वेतन विसंगति दूर नहीं करती है तो 6 दिसंबर 2021से सहायक शिक्षक फेडरेशन अनिश्चित कालीन आंदोलन का आगाज करेगा।
आंदोलन से पहले हाँथ खींचना मनीष मिश्रा को पड़ गया भरी
5 सितम्बर शिक्षक दिवस के दिन सहायक शिक्षक फेडरेशन की आयोजित राजधानी रायपुर पदयात्रा सह मुख्यमंत्री निवास घेराव कार्यक्रम को अचानक देर रात फेडरेशन के कुछ दर्जन भर नेताओ ने मुख्यमंत्री के मौखिक आश्वासन पर आंदोलन से हाथ खींचना प्रदेश के लाखो सहायक शिक्षकों को नागवार गुजरा।आज रायपुर में प्रदेश के सभी जिलों से आये जिलाध्यक्षों और आम सहायक शिक्षकों ने मनीष मिश्रा सहित दर्जनों प्रांतीय पदाधिकारियों को सहायक शिक्षक फेडरेशन से बाहर का रास्ता दिखा दिया।
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आम सहायक शिक्षकों और जिला अध्यक्षों को विश्वास में लिये बगैर आंदोलन स्थगित करना पड़ा मंहगा
मनीष मिश्रा और उनके टीम ने देर रात शिक्षा मंत्री ,मुख्यमंत्री से चर्चा कर मुख्यमंत्री के तीन महीने का समय मांगने भर से आंदोलन स्थगित कर दिए जबकि सररकार द्वारा वेतन विसंगति बहुत जल्द दूर करने की बात शुरू से हो रही थी। 5 सितम्बर के आंदोलन की तैयारी पिछले एक माह से चल रही थी। जब आंदोलन की सारी तैयारी हो गयी थी और दूर -दराज जिले बस्तर ,जगदलपुर संभाग के साथी रास्ते में थे ,तो आधीरात को आंदोलन को स्थगित करना सही नहीं था। आधी रात के बजाय जिला अध्यक्षों और आम सहायक शिक्षकों की उपस्थिति में आज आंदोलन स्थल में सही निर्णय को लेना था।
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