द्रौपदी मुर्मू भारत के 15 वें राष्टपति निर्वाचित ,भारत की पहली आदिवासी राष्ट्पति बनी

 द्रौपदी मुर्मू भारत के 15 वें राष्टपति निर्वाचित ,भारत की पहली आदिवासी राष्ट्पति बनी 

cgshiksha.in नईदिल्ली -भारत को आज अपना 15 वां राष्ट्पति मिल गया है। स्वतंत्र भारत के इतिहास में 15 वें राष्ट्पति के पद पर पहली बार आदिवासी समुदाय की महिला द्रौपदी मुर्मू निर्वाचित हुई है। एनडीए की ओंर से राष्ट्पति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को भारी मतों से पीछे छोड़ते हुए भारत की 15 वीं राष्टपति निर्वाचित हो गयी है। द्रौपदी मुर्मू भारत के राष्ट्पति जैसे सर्वोच्च पद तक पहुंचने वाली पहली आदिवासी महिला है। द्रौपदी मुर्मू भारत के पन्द्रवें राष्ट्पति के रूप में 25 जुलाई 2022 को शपथ ग्रहण करेगी। द्रौपदी मुर्मू के घर के साथ -साथ देश के आदिवासियों में जश्न का माहौल है। 



राष्ट्पति रामनाथ कोविंद की विदाई रात्रिभोज 22 जुलाई को 


देश के प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र दामोदर मोदी निवर्तमान राष्ट्पति महामहिम रामनाथ कोविंद के लिए 22 जुलाई 2022 को दिल्ली के अशोका होटल में शाम 5.30 बजे विदाई रात्रिभोज का मेजबानी करेंगे। इस विदाई समारोह में प्रधानमंत्री ,उपराष्ट्पति ,लोकसभा अध्यक्ष सहित सभी लोकसभा ,राज्यसभा के निवर्तमान सदस्य उपस्थित रहेंगे। इस विदाई रात्रिभोज में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला विदाई भाषण देंगे। इस विदाई समारोह में राष्ट्पति रामनाथ कोविंद को सदस्यों की ओंर से एक प्रशस्ति पत्र ,स्मृति चिन्ह और सांसदों द्वारा हस्ताक्षरित पुस्तिका भी भेंट की जायेगी। 

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द्रौपदी मुर्मू का संक्षिप्त जन्म परिचय 


देश के सर्वोच्च पद पर पन्द्रहवें राष्ट्पति के रूप में निर्वाचित द्रौपदी मुर्मू का जन्म उड़ीसा राज्य के मयूरगंज जिले के छोटे से गांव बैदापोसी में 20 जून 1958 को हुआ था। द्रौपदी मुर्मू के पिता का नाम बिरंची नारायण टुडू है। द्रौपदी मुर्मू  एक आदिवासी संथाल परिवार से ताल्लुक रखते हैं। द्रौपदी मुर्मू भारत के इतिहास में उड़ीसा राज्य से किसी भी प्रदेश का राज्यपाल बनने वाली पहली आदिवासी महिला है। द्रौपदी मुर्मू राजनीति में आने से पहले शिक्षिका का कार्य करती थी। 


द्रौपदी मुर्मू की शादी 1980 में श्याम चरण मुर्मू से हुई थी। द्रौपदी मुर्मू के दो बेटे और दो बेटियां थी। जिसमें पति सहित दो बेटा और एक बेटी अब इस दुनिया में नहीं है। अभी केवल एक बेटी ही बची है। 

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शिक्षिका से राष्ट्पति पद तक का सफर 


द्रौपदी मुर्मू राजनीति में आने से पहले शिक्षिका के रूप में कार्य करती थी। उन्होंने रायरंगपुर नगर पंचायत के पार्षद के रूप में 1997 में अपना राजनीतिक पारी की शुरुवात की है। उसके बाद द्रौपदी मुर्मू रायरंगपुर  राष्ट्रीय सलाहकार परिषद् की उपाध्यक्ष बनी। द्रौपदी मुर्मू उड़ीसा राज्य की दो बार विधायक रह चुकी है। साथ ही बीजू जनतादल और भाजपा गठबंधन सरकार में राज्यमंत्री रह चुकी हैं। द्रौपदी मुर्मू भारतीय जनता पार्टी और बीजू जनतादल गठबंधन सरकार में 06 मार्च 2000 से 06 अगस्त 2002 तक वाणिज्य और परिवहन के लिए स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री और 06 अगस्त 2002 से 16 मई 2004 तक मतस्य पालन और पशु संशाधन विकास राज्यमंत्री के पद पर कार्य की है।  द्रौपदी मुर्मू को वर्ष 2007 में उड़ीसा राज्य की सर्वश्रेष्ठ विधायक के लिए "नीलकंठ पुरस्कार "से सम्मानित किया गया था। 


 द्रौपदी मुर्मू झारखण्ड राज्य की राज्यपाल के पद पर पांच साल तक कार्यकाल पूरा करने वाली महिला राज्यपाल रही हैं। द्रौपदी मुर्मू झारखण्ड राज्य के राज्यपाल के पद पर 2015 से 2021 तक सुशोभित थी। भारत के पन्द्रहवें राष्ट्पति पद के लिए एनडीए द्वारा द्रौपदी मुर्मू को उम्मीदवार बनाया गया। भारत के सर्वोच्च पद के लिए हुए चुनाव में द्रौपदी मुर्मू ने विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को भारी मतों से पीछे छोड़ते हुए जीत हासिल की है। भारतीय लोकतंत्र में द्रौपदी मुर्मू राष्ट्पति बनने वाली पहली आदिवासी समुदाय से हैं ,जो 25 जुलाई 2022 को देश के सर्वोच्च पद के लिए शपथ लेगी। 

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द्रौपदी मुर्मू है सादगी की मिशाल


द्रौपदी मुर्मू  अपनी सादगी के लिए भी याद की जाती है। झारखण्ड के राज्यपाल के पद पर रहते हुए राजभवन में भी उनकी सादगी की हमेशा चर्चा होती थी। द्रौपदी मुर्मू खुद शाकाहारी है और अपने कार्यकाल के दौरान राजभवन परिसर में मांसाहार पर रोक लगायी थी। राज्यपाल के पद पर रहती हुई द्रौपदी मुर्मू प्रतिदिन विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों और किसी समस्या को लेकर आने वाले लोगों से मुलाकात करती थी। द्रौपदी मुर्मू झारखण्ड के राज्यपाल के रूप में हमेशा आदिवासियों ,बालिकाओं के हितों को लेकर सजग और तत्पर रहती थी। आदिवासियों की हितों से जुड़े मुद्दों पर द्रौपदी मुर्मू ने कई बार संज्ञान लेते हुए संबंधित पदाधिकारियों को निर्देश दिया करती थी। झारखंड राज्य की पहली महिला राज्यपाल बननेवाली द्रौपदी मुर्मू का छः साल एक माह अट्ठारह दिनों का कार्यकाल विवादों से परे रहा है। 


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