कर्मचारियों के अनिश्चितकालीन आंदोलन के ऐलान से छत्तीसगढ़ सरकार सकते में ,15 अगस्त को मुख्यमंत्री मंहगाई भत्ता वृद्धि का कर सकता है ऐलान
cgshiksha.in रायपुर -छत्तीसगढ़ प्रदेश के चार लाख से अधिक शासकीय कर्मचारी केंद्र के समान मंहगाई भत्ता और सातवें वेतनमान आधार पर गृहभाड़ा भत्ता की मांग लेकर चरणबद्ध आंदोलन कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ कर्मचारी -अधिकारी फेडरेशन के बैनर तले प्रदेश के लगभग 88 मान्यता एवं गैर मान्यता प्राप्त कर्मचारी संगठनों द्वारा आंदोलन के तीसरे चरण में 25 जुलाई से 29 जुलाई तक पांच दिवसीय निश्चितकालीन आंदोलन करने बाद सरकार को केंद्र के समान मंहगाई भत्ता और सातवें वेतनमान के आधार पर HRA की मांग को लेकर आंदोलन के चौथे चरण में 22 अगस्त से अनिश्चिकालीन आंदोलन का ऐलान कर दिए हैं। जिसकी सुचना ज्ञापन के माध्यम से छत्तीसगढ़ शासन को दी जा चुकी है।
फेडरेशन की अनिश्चितकालीन आंदोलन घोषणा ज्ञापन से सरकार बैकफुट पर दिखाई दे रही है आंदोलन को टालने और कर्मचारियों के मांगों पर सहमति बनाने के लिए शासन स्तर पर कवायदें तेज हो गई है। सरकार कर्मचारी संगठनों से लगातार बैठक कर बात कर रही है और 22 अगस्त से होने वाली अनिश्चितकालीन आंदोलन को टालने के लिए प्रयास कर रही है। विश्वस्त सूत्रों से मिल रही जानकारी अनुसार सरकार अनिश्चितकालीन आंदोलन को रुकवाने के लिए स्वतंत्रता दिवस के दिन कर्मचारियों के मंहगाई भत्ता में वृद्धि की घोषणा कर सकती है। छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों की मंहगाई भत्ता में 6 से 10 फीसदी का इजाफा होने की संभावना लग रही है।
अनिश्चितकालीन आंदोलन की घोषणा से सरकार सकते में 👇
छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन द्वारा 22 अगस्त 2022 से अनिश्चितकालीन आंदोलन की घोषणा करने और शासन को आंदोलन की सूचना ज्ञापन देने के बाद सरकार कर्मचारियों के मंहगाई भत्ता मुद्दे पर लगातार कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधिमंडलों से लगातार बैठके कर रही है। सरकार कर्मचारियों के अनिश्चितकालीन आंदोलन को टालने की प्रयास में जुटी हुई है। शासन की ओर से छत्तीसगढ़ शासन सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव डी डी सिंह लगातार विभिन्न कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधिमंडल बुलाकर बैठक कर रहे हैं। सरकार फिरहाल वर्तमान में मंहगाई भत्ता में वृद्धि कर सकती है।
मंहगाई भत्ता में6 से 10फीसदी वृद्धि के मिल रहे हैं संकेत 👇
छत्तीसगढ़ के चार लाख से अधिक कर्मचारी केंद्र के समान मंहगाई भत्ता और सातवें वेतनमान के आधार पर गृहभाड़ा भत्ता दिए जाने की मांग कर रहे हैं। सरकार में चल रही सुगबुहावट से लग रहा है कि सरकार कर्मचारियों की मंहगाई भत्ता में बहुत जल्द 6 से 10 फीसदी तक वृद्धि तक की घोषणा कर सकती है ताकि कर्मचारियों के 22 अगस्त से होने अनिश्चितकालीन आंदोलन को रोका जा सके। मिली जानकारी अनुसार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आजादी के अमृतोत्सव 75 वी स्वतंत्रता दिवस समारोह में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद प्रदेश की जनता को सम्बोधित करते हुए प्रदेश के चार लाख से अधिक कर्मचारियों को मंहगाई भत्ता में वृद्धि की सौगात दे सकते हैं।
केंद्र के समान मंहगाई भत्ता की कर रहें मांग 👇
प्रदेश के कर्मचारियों को अभी वर्तमान में 22 फीसदी मंहगाई भत्ता मिल रहा है जबकि केंद्र के कर्मचारियों को अभी वर्तमान में 34 फीसदी मंहगाई भत्ता मिल रही है और केंद्र सरकार द्वारा कर्मचारियों के मंहगाई भत्ता में 4 फीसदी वृद्धि का ऐलान कर दिया गया है जो कर्मचारियों को सितम्बर की वेतन में दो महीने की एरियर्स के साथ दी जाएगी। इस प्रकार अब केंद्र की मंहगाई भत्ता 34 से बढ़कर 38 फीसदी हो जाएगी जबकि छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों को केवल 22%मंहगाई भत्ता दी जा रही है। इससे कर्मचारियों में सरकार के प्रति घोर निराशा दिखाई दे रही है। प्रदेश के सीमवर्ती राज्यों के कर्मचारियों को केंद्र समान मंहगाई भत्ता दिया जा रहा है।
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कर्मचारियों को हो रहा है आर्थिक नुकसान 👇
छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों को केंद्र के समान मंहगाई भत्ता नहीं दिए जाने से भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है। कर्मचारियों को केंद्र से 12 फीसदी कम DA मिलने से लगभग 4000 से लेकर 10000 रुपये तक की प्रतिमाह आर्थिक नुकसान हो रहा है। जो वर्ष में लगभग 48000 रुपये से लेकर 120000 रुपये आर्थिक नुकसान हो रहा है। कर्मचारी नेताओं ने पांच दिवसीय आंदोलन में अपने भाषणों में लगातार बढ़ रही मंहगाई के बाद भी सरकार द्वारा कर्मचारियों के मंहगाई भत्ता वृद्धि किये जाने पर मौन रहना और अपने विधायक ,मंत्री ,विधानसभा अध्यक्ष ,नेता प्रतिपक्ष ,मुख्यमंत्री के वेतन में वृद्धि करने पर खूब खरी खोटी सुनाया गया था।
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