22 अगस्त से प्रदेश के शासकीय कार्यालयों और स्कूलों के दरवाजों में लटकेंगे फिर से ताले

 22 अगस्त से प्रदेश के शासकीय कार्यालयों और स्कूलों के दरवाजों में लटकेंगे फिर से ताले 

cgshiksha.in रायपुर -छत्तीसगढ़ के कर्मचारी -अधिकारी और सरकार के बीच की खाई बढ़ती ही जा रही है। प्रदेश के कर्मचारी -अधिकारी फिर से केंद्र के समान देय तिथि से लंबित मंहगाई भत्ता और सातवें वेतनमान के आधार पर HRA का निर्धारण की मांग को लेकर 22 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा रहे हैं। कर्मचारी -अधिकारी के अनिश्चितकालीन हड़ताल जाने से प्रदेश के शासकीय कार्यालयों और स्कूलों के दरवाजों में ताले लटके रहने की संभावना नजर आ रही है। छत्तीसगढ़ अधिकारी -कर्मचारी फेडरेशन  बैनर तले प्रदेश के चार लाख से अधिक शासकीय सेवक 22 अगस्त से अपने दो सूत्रीय मांग केंद्र के समान देय तिथि से DA और सातवें वेतनमान आधार पर HRA निर्धारण लेकर अनिश्चितकालीन आंदोलन पर जा रहे हैं। इस हड़ताल से प्रदेश के शासकीय कामकाजों के अवरुद्ध होने और विद्यार्थियों के शिक्षा अध्यापन व्यवस्था पर बहुत ही प्रतिकूल असर पड़ना स्वभाविक नजर आ रहा है। 



25 से 29 जुलाई तक हुआ था निश्चितकालीन आंदोलन 👇


छत्तीसगढ़ कर्मचारी -अधिकारी फेडरेशन द्वारा अपनी दो सूत्रीय मांग केंद्र के समान देय तिथि से DA और सातवें वेतनमान आधार पर HRA निर्धारण को लेकर पिछले जुलाई माह में अपने आंदोलन के तीसरे चरण में 25 जुलाई से 29 जुलाई तक पांच दिवसीय निश्चितकालीन आंदोलन किया गया था। इस आंदोलन अवधि में प्रदेश के शासकीय कार्यालयों ,मंत्रालय सहित प्रदेश भर के शासकीय स्कूलों में अघोषित छुट्टी जैसा माहौल देखने को मिला था। शासकीय कार्य पूर्ण रूप में अवरुद्ध हो गया था। सरकार और कर्मचारियों की इस जंग से प्रदेश के जनमानस को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा था। हड़ताल  सबसे ज्यादा असर स्कूली बच्चों की पढ़ाई पर पड़ रहा है। 

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निश्चितकालीन हड़ताल बाद सरकार ने बढ़ाया 6 %डीए 👇


छत्तीसगढ़ कर्मचारी -अधिकारी फेडरेशन के निश्चितकालीन आंदोलन पश्चात् छत्तीसगढ़ सरकार ने विभिन्न कर्मचारी संगठनों को सहमति बनाने के लिए बातचीत के लिए बुलाया। छत्तीसगढ़ कर्मचारी -अधिकारी फेडरेशन के प्रतिनिधिमंडल लंबित 12 %मंहगाई भत्ता देय तिथि से और सातवें वेतनमान के आधार पर गृह भाड़ा भत्ता की मांग कर रहे थे। वहीँ प्रदेश  मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पांच दिवसीय हड़ताल में शामिल नहीं रहे छत्तीसगढ़ अधिकारी -कर्मचारी महासंघ के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात कर 6 %मंहगाई भत्ता वृद्धि पर सहमति बनाकर प्रदेश के शासकीय सेवकों के मंहगाई भत्ता में 1 अगस्त से वृद्धि किये जाने का आदेश जारी किया है। 

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फेडरेशन का मांग 12 %लंबित DA देय तिथि से 👇


छत्तीसगढ़ कर्मचारी -अधिकारी फेडरेशन का मांग केंद्र के समान DA देय तिथि से और सातवें वेतनमान आधार पर HRA निर्धारण है। प्रदेश में कोरोना संक्रमण काल के कारण 2019 से मंहगाई भत्ता में वृद्धि नहीं हुई थी। इस बीच केंद्र की मंहगाई भत्ता 34 %हो गई जबकि छत्तीसगढ़ में मंहगाई भत्ता की दर 17 %थी। इस बीच छत्तीसगढ़ में मंहगाई भत्ता में 5 %वृद्धि की गई जिसे 01 मई 2022 से शासकीय सेवकों को लाभ दिया गया। इस प्रकार छत्तीसगढ़ में मंहगाई भत्ता की दर 22 %हुआ ,जो केंद्र से 12 %कम था। इसी 12 %लंबित मंहगाई भत्ता को देय तिथि से देने की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ के चार लाख से अधिक कर्मचारियों ने पांच दिवसीय निश्चितकालीन आंदोलन 25 जुलाई से 29 जुलाई तक किये थे।

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कर्मचारी ,मुख्यमंत्री पर गलत परंपरा अपनाने का लगा रहें है आरोप 👇

 

प्रदेश  शासकीय सेवक मुख्यमंत्री पर मंहगाई भत्ता वृद्धि तिथि पर गलत परंपरा अपनाने का आरोप लगा रहे हैं जो सही भी है। कर्मचारियों को मंहगाई भत्ता में वृद्धि का लाभ 1 जुलाई और 1 जनवरी की स्थिति में दिया जाता है लेकिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ के शासकीय सेवकों की मंहगाई भत्ता में 5 %की वृद्धि 1 मई 2022 से और 6 %की वृद्धि 1 अगस्त 2022 से किया है। जिसे कर्मचारियों द्वारा मंहगाई भत्ता वृद्धि का लाभ देय तिथि से न देकर गलत परंपरा शुरू करने का आरोप लगा रहे हैं। 

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अनिश्चितकालीन आंदोलन की तैयारी जोर-शोर से 👇


22 अगस्त से शुरू होने जा रही छत्तीसगढ़ अधिकारी -कर्मचारी फेडरेशन का अनिश्चितकालीन आंदोलन की तैयारी जोर-शोर से चल रही है। सभी कर्मचारी संगठनों द्वारा अनिश्चितकालीन आंदोलन का आवेदन कर्मचारियों द्वारा भरवाकर संबंधित विभाग प्रमुख को सौपा जा चूका है। इस अनिश्चितकालीन आंदोलन में इस बार न्यायालीन कर्मचारी और तहसीदार संघ ने भी शामिल होने का फैसला किया है। कुछ शिक्षक संगठनों ने आंदोलन में न शामिल होने का फैसला जरूर लिया है। आंदोलन की तैयारी को देखते हुए कर्मचारी सरकार से आरपार की लड़ाई के मूड में दिखाई दे रहे हैं। 

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शिक्षा विभाग के मासिक टेस्ट और हमर तिरंगा कार्यक्रम पर पड़ेगा असर 👇


22 अगस्त से प्रस्तावित अनिश्चितकालीन हड़ताल का सबसे ज्यादा प्रभाव स्कूल शिक्षा विभाग पर पड़ने वाला है। शिक्षकों के हड़ताल पर चले जाने से प्रदेश का स्कूल बंद हो जायेगा ,स्कूल बंद हो जाने से माह अगस्त की ली जाने वाली विद्यार्थियों का मासिक आकलन नहीं हो पायेगी। बच्चों के अध्यापन व्यवस्था में रूकावट आ जाएगी। छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा 20 अगस्त से 30 अगस्त तक स्कूलों में आयोजित किये जाने वाले "हमर तिरंगा "कार्यक्रम भी शुरू होने से पहले ही ठंडे बस्ते में चले जाने वाला है। 

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अनिश्चितकालीन आंदोलन को नक्सलियों द्वारा समर्थन का ऐलान 👇 


छत्तीसगढ़ अधिकारी -कर्मचारी फेडरेशन द्वारा 22 अगस्त 2022 से किये जा रहे अनिश्चितकालीन आंदोलन को नक्सलियों ने भी समर्थन किया है। छत्तीसगढ़ अधिकारी -कर्मचारी फेडरेशनकी DA और HRA की मांग को लेकर 22 अगस्त से होने जा रहे अनिश्चितकालीन आंदोलन को लेकर नक्सलियों की ओर से उनके प्रवक्ता ने प्रेस नोट जारी कर सभी कर्मचारियों ,शिक्षकों और अधिकारी वर्ग से अनिश्चितकालीन आंदोलन को समर्थन देने का आव्हान किया है। नक्सलियों द्वारा जारी प्रेस नोट में मजदूर संगठनों ,किसान संगठनों ,प्रदेश की जनता एवं जनवादियों ,मानवाधिकार संगठनों से भी 22 अगस्त से होने जा रहे छत्तीसगढ़ अधिकारी -कर्मचारी फेडरेशन की अनिश्चितकालीन आंदोलन को पूर्ण समर्थन और सहयोग देने का आव्हान किया गया है। 

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नक्सलियों द्वारा जारी प्रेस नोट देखें 👇





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