प्राथमिक और मिडिल स्कूलों के लिए 2022-23 का शाला अनुदान राशि राज्य परियोजना कार्यालय समग्र शिक्षा द्वारा जारी
cgshiksha.in रायपुर -राज्य परियोजना कार्यालय समग्र शिक्षा रायपुर द्वारा प्रदेश शासकीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक शालाओं के लिए शिक्षा सत्र 2022-23 की शाला अनुदान की राशि प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति आदेश जारी कर दिया गया है। समग्र शिक्षा के वार्षिक कार्य योजना एवं बजट 2022-23 में प्रदेश के 43645 प्राथमिक और मिडिल शासकीय स्कूलों के लिए शाला अनुदान की राशि 11109.55 लाख की स्वीकृति प्राप्त हुई है। छत्तीसगढ़ के शासकीय प्राथमिक और मिडिल स्कूलों में शत -प्रतिशत निर्धारित राशि संबंधित स्कूलों को जारी किये जाने की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति राज्य परियोजना कार्यालय समग्र शिक्षा रायपुर द्वारा प्रदान कर दी गई है।
राज्य परियोजना कार्यालय द्वारा जारी स्वीकृति आदेश डाउनलोड करें 👇
पिछले शिक्षा सत्र 2021-22 की शाला अनुदान की राशि जनवरी -फरवरी 2022 में जारी किया गया था। इस वर्ष शाला अनुदान की राशि राज्य परियोजना कार्यालय समग्र शिक्षा रायपुर द्वारा अगस्त 2022 में ही जारी कर दिया गया है। शिक्षा सत्र के शुरुवात में ही शाला अनुदान की राशि जारी कर दिए जाने से स्कूलों में सुविधा और रंगरोदन तथा विद्यार्थियों की शिक्षा गुणवत्ता में राशि का उपयोग करने में मदद मिलेगी। शाला अनुदान की राशि का उपयोग PFMS के माध्यम से स्कूलों के लिए की जाएगी। संस्था प्रमुख अनुदान की स्वीकृत राशि का भुगतान शाला प्रबंधन समिति के अनुमोदन के आधार पर PFMS माध्यम से करेंगे। शाला अनुदान राशि के उपयोग के लिए राज्य परियोजना कार्यालय समग्र शिक्षा रायपुर द्वारा विस्तृत दिशा निर्देश जारी किया गया है।
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बच्चों की दर्ज संख्या के आधार पर जारी की गई है राशि 👇
राज्य परियोजना कार्यालय समग्र शिक्षा रायपुर द्वारा प्रदेश के शासकीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक शालाओं के लिए शाला अनुदान की राशि की प्रशासकीय एवं स्वीकृति जारी आदेशानुसार शिक्षा सत्र 2022-23 क लिए शाला अनुदान की राशि का निर्धारण स्कूलों में विद्यार्थियों की दर्ज संख्या के आधार पर स्वीकृत की गई है। जो निम्नानुसार है ;-
क्र. शाला की दर्ज संख्या स्वीकृत राशि
1. 1-30 10000 /-
2. 31-100 25000 /-
3. 101-250 50000 /-
4. 251-1000 75000 /-
राशि आहरण PFMS के माध्यम से 👇
राज्य परियोजना कार्यालय समग्र शिक्षा रायपुर द्वारा प्रदेश के शासकीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक शालाओं के लिए शाला अनुदान की राशि की प्रशासकीय एवं स्वीकृति जारी आदेशानुसार शिक्षा सत्र 2022-23 क लिए शाला अनुदान की राशि का निर्धारण स्कूलों में विद्यार्थियों की दर्ज संख्या के आधार पर स्वीकृत गई है।उक्त स्वीकृत राशि समग्र शिक्षा के प्राथमिक एवं मिडिल स्तर के कम्पोजिट ग्रांट माध से विकलनीय होगा। प्रशासकीय स्वीकृति में स्कूलों के लिए स्वीकृत शाला अनुदान की राशि का खर्च शाला स्तर हेतु निर्धारित आहरण सीमा 20 फरवरी 2023 तक PFMS माध्यम से किया जाना हैतथा शाला अनुदान राशि की उपयोगिता प्रमाण पत्र निर्धारित प्रारूप में जिला शिक्षा अधिकारी सह जिला परियोजना अघिकारी ,प्रिंसिपलों से प्राप्त कर राज्य परियोजना कार्यालय समग्र शिक्षा छग.रायपुर को भेजना अनिवार्य है।
वार्षिक शाला अनुदान राशि का उपयोग / व्यय हेतु आवश्यक दिशा -निर्देश देखें 👇
1.वार्षिक शाला अनुदान राशि का उपयोग करने से पहले शाला प्रबंधन समिति की बैठक आयोजित कर बैठक में उपस्थित समिति सदस्यों को शाला अनुदान की प्राप्त राशि की जानकारी देकर राशि व्यय करने हेतु समिति सदस्यों चर्चा कर कार्य की अनुमोदन प्राप्त कर ही उक्त राशि की स्कूल आवश्यकतानुसार एवं प्राथमिकता तय हुए व्यय किया जाना चाहिए।
2.शाला अनुदान राशि की व्यय छत्तीसगढ़ भंडार क्रय नियम का पालन करते हुए सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
3.शाला अनुदान राशि से सामान क्रय की जानकारी विद्यालयीन भंडार पंजी में संधारित अनिवार्य रूप से किया जाना चाहिए।
4.शाला अनुदान की प्राप्त राशि का उपयोग आवश्यकतानुसार स्टेशनरी एवं कार्यालयीन उपयोग की सामग्री के लिए व्यय किया जाना चाहिए।
5.विद्यालय सूचना पटल /स्कूल अहाता में शाला अनुदान की प्राप्त राशि और व्यय जानकारी की जानकारी प्रदर्शित किया जाना चाहिए और ग्रामसभा बैठक में सामाजिक अंकेक्षण कराया जाना चाहिए।
6.शाला अनुदान क प्राप्त राशि में से 10 फीसदी राशि का उपयोग स्वच्छता एक्शन प्लान हेतु किया जाना चाहिए। इस 10 फीसदी राशि अर्थात 2500 रुपये की व्यय शाला प्रबंधन समिति द्वारा से आवश्यक सामान क्रय की अनुमोदन कराने के क्रय किया जाना चाहिए। जैसे -शौचालय की स्वच्छता हेतु रनिंग वाटर की व्यवस्था ,फिनाईल ,मग ,बाल्टी ,हाथ धुलाई के लिए साबुन ,हैंडवाश आदि जरुरी स्वच्छता की व्यवस्था किया जाना चाहिए।
7.शाला अनुदान राशि का उपयोग बच्चों के सीखने से संबंधित माहौल बनाने के लिए प्राथमिकता से कार्य किया जाना चाहिए। जैसे - स्कूल का रंग-रोदन कर आकर्षक बनाना ,शाला के कक्षाकक्ष में प्रिंट रिच वातावरण और आसपास से सीखने का माहौल बनाना ,बच्चों के लिए कक्षा में लर्निंग कॉर्नर्स मुस्कान पुस्तकालय तैयार करना ,बच्चों की उपलब्धि की रिकार्ड रखने के लिए पोर्टफोलियों संधारित करना ,विद्यार्थियों को सीखने में सहायता के लिए सहायक शिक्षण सामग्री और ऑडिओ -विडिओ सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित करना , विगत वर्षों में शिक्षा विभाग द्वारा प्रदान किये गए टेबलेट की मरम्मत और स्कूल में कंप्यूटर उपलब्ध होने की स्थिति में इंटरनेट कनेक्शन हेतु आवश्यक व्यय को प्राथमिकता दिया जाना चाहिए।
8.शाला अनुदान की प्राप्त राशि का उपयोग सही तरीके से शाला विकास में व्यय करने के लिए समिति के सहयोग से दीर्घकालीन कार्ययोजना बनाकर चरणबद्ध तरीके से कार्य किया जाना चाहिए।
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9.बच्चों को अभ्यास के लिए कोरे कागज से प्रत्येक बच्चों का पोर्टफोलियो बनाकर संधारित कर रखना चाहिए चाहिए ताकि बच्चें की वैकल्पिक केंद्रों में नियमित पढाई की स्थिति से अवगत हुआ जा सके।
10. विद्यार्थियों के लिए कार्यपत्रक ,वर्कशीट ,अभ्यास कार्य की प्रतिया निकालकर साझा करना चाहिए।
राज्य परियोजना कार्यालय द्वारा जारी आदेश यहाँ देखें 👇
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