समाज कल्याण विभाग की अधिसूचना ,नहीं होगा विकलांग शब्द का जिक्र
छत्तीसगढ़ राज्य के किसी भी सरकारी दस्तावेजो और योजनाओं में अब विकलांग शब्द का जिक्र नहीं होगा | विकलांग शब्द के स्थान पर दिव्यांग शब्द का उपयोग किया जायेगा | इसके लिए छत्तीसगढ़ समाज कल्याण विभाग द्वारा अधिसूचना जारी किया गया है | विभाग के अधिसूचना को सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभागों को परिपत्र जारी कर दिया है |
विकलांग शब्द के जगह लिखा जायेगा अब दिव्यांग
भारत सरकार विकलांग शब्द की जगह पहले से दिव्यांग शब्द का उपयोग कर रहा है | केंद्र में प्रधानमंत्री के नेतृत्व में बनी सरकार ने निः शक्तजन की जगह दिव्यांग शब्द का उपयोग शुरू कर दिया है | केंद्र सरकार इन्हे सुविधा देने के लिए दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 बनाया है |
इसी अधिनियम केआधार पर ही राज्य सरकार ने अधिनियम में दी गयी शक्तियों का उपयोग करते हुए दिव्यांगजन कल्याण की योजनाओ में और सम्बंधित समस्त शासकीय कार्यवाही में विकलांग शब्द की जगह दिव्यांग शब्द अंकित करने की स्वीकृति प्रदान की है |
सामान्य प्रशासन विभाग ने इसकी जानकारी राज्य के सभी शासकीय विभागों ,संभागीय आयुक्त ,जिला कलेक्टर ,जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालनअधिकारियों को भेज दी है | यह व्यवस्था राज्य के सभी निगम मंडलों और आयोगों के लिए भी लागू होगी |
प्रदेश में दिव्यांगजनों के लिए आरक्षण की स्थिति
छत्तीसगढ़ में दिव्यांगजनों के लिए सरकारी नौकरियों में 7 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था लागू है जबकि देश के अधिकांश राज्यों में 6 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था है | इसके आलावा छत्तीसगढ़ में दिव्यांगजनों की पढाई के लिए भी अलग से व्यवस्था की गई है |
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दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 के क्रियान्वयन के लिए समाज कल्याण विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है ,विभाग समय-समय पर सामान्य प्रशासन विभाग के जरिए निःशक्तजनो के आरक्षण ,पदो और नियुक्तियों को लेकर जानकारी मांग रहा है |इसके बाद भी कुछ विभाग की जानकारी अभी तक नहीं मिली है यही वजह है कि सामान्य प्रशासन विभाग ने सीधे विभागों को पत्र भेजकर जानकारी मांगी है |
खास बात यह है कि विभाग ने राज्य निर्माण के बाद से अब तक की पूरी जानकारी बिंदुवार मांगी है | यह जानकारी राज्य योजना आयोग को भेजी जाएगी | इसके आधार पर आगे की नीति तैयार होगी |
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