6 ,7 ,9 और 11की कक्षाएं नहीं खुलेंगे 2 अगस्त से

 कक्षा 6 ,7 ,9 और 11 की कक्षाएं नहीं खुलेंगे 2 अगस्त से 

कोरोना संक्रमण के कारन छत्तीसगढ़ की स्कूल विगत 15 माह से बंद है जिसे छत्तीसगढ़ सरकार  द्वारा कोरोना की दूसरी लहर के कमजोर होने पर बच्चो के शिक्षा को ध्यान में रखते हुए कक्षा 10 वी , 12 वीऔर कॉलेज  की कक्षाएं 2 अगस्त से ऑफलाइन मोड  पर खोलने  जा रही है |


 जिसमे कोरोना गाईडलाईन का पालन करते हुए कक्षाएं संचालित होगी और विद्यार्थियों की उपस्थिति आधी होगी | बांकी आधी विद्यार्थी अगले दिन स्कुल आएंगे | स्कूल उन्ही क्षेत्रो में खोले जायेंगे  जिन क्षेत्रो में पाजिविटी दर 7 दिन से एक  प्रतिशत से कम है | 

कौन -कौन सी कक्षाएं होगी शुरू 

शासन के आदेशानुसार 2 अगस्त से छग  में कक्षा दसवीं ,बारहवीं और कालेजों की कक्षाएं संचालित की जाएगी |जिसमे कोविड -19 के दिशा निर्देशों का पालन किया जाना है | स्कूलों और कालेजों की कक्षाओं में आधे -आधे बच्चे रोटेशन में कक्षा आएंगे | 

संस्थाओं  को स्कूल खुलने के पूर्व स्कूलों  को  साफ सफाई और सेनिटाइजर करवाने को कहा गया है| | साथ ही पालको से सहमति लेना है | जिन बच्चो को सर्दी -खाँसी या बुखार होंगे उन्हें कक्षा में प्रवेश नहीं दिए जायेंगे |  

        कक्षा पहली से पांचवी तक कक्षाएं शाला प्रबंधन समिति ,ग्राम पंचायत /वार्ड पार्षद और पालको की सहमति के साथ खुलेंगे | कक्षा 6 ,7 ,9 और 11 की कक्षाएं ऑनलाइन मोड पर जारी रहेगी | बच्चो को स्कूल आने के लिए बाध्य नहीं किया जायेगा | 

मध्यान्ह भोजन भी होगी संचालित 

शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार 2 अगस्त से स्कुल आने वाले बच्चो को स्कुल में गरम खाना दिया जायेगा | इसके लिए दिशा निर्देश जारी कर दिया गया गया है |

 सभी संस्था प्रमुखों और मध्यान भोजन संचालनकर्ता समूहों को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि  किचनरूम की साफ सफाई ,पुराने सामने को दूर कर ,सामान रखने के पात्रों को साफ कर उच्च गुणवत्ता की सामान का ही उपयोग किया जावे |

  बच्चो को दी जाने वाली सब्जिया ताजी  होना चाहिए | रसोईया हमेशा मास्क का उपयोग करेंगे | मध्यान्ह भोजन कराते समय बच्चो को   दुरी में बिठाना जरुरी है | 

बच्चो की आधे दिन की कुकिंग कास्ट की राशि उनके खाते  पर भेजी जाएगी और जो बच्चे स्कूल नहीं आएंगे उनकी भी राशि उनके खाते में भेजी जाएगी |

पालक असमंजस में 

बहुुत से  पालक असमंजस में है कि  वो अपनी जिगर के टुकड़े को कोरोना की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए स्कूल भेजे या न भेजे | 

एक तरफ पालको को बच्चो की शिक्षा की चिंता है और दूसरी तरफ कोरोना की तीसरी लहर की|संभावित खतरों को देखते हुए अधिकांश पालक बच्चो के वैक्सीनेशन होने के बाद स्कूलो को खोलने की राय  दे रहे है |


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