सुप्रीम कोर्ट प्रमोशन में आरक्षण मामलों की राज्यवार करेगा सुनवाई

 सुप्रीम कोर्ट प्रमोशन में आरक्षण मामलों की राज्यवार करेगा सुनवाई  

नई दिल्ली 14सितंबर 2021 -देश की शीर्ष अदालत सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट देशभर में नौकरियों में पदोन्नति में आरक्षण मामलों की अंतिम सुनवाई 5 अक्टूबर से करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि प्रत्येक राज्य का अपना अनूठा मुद्दा है इसलिए सुप्रीम कोर्ट राज्यवार मामलों की सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्य सरकारों को निर्देश दिया है कि राज्य अपने राज्य की अनूठे मुद्दे की पहचान करे और दो हप्ते के भीतर सुप्रीम कोर्ट में अनूठे मुद्दे को दाखिल करें। 

दरअसल केंद्र और राज्यों ने पदोन्नति नीति में आरक्षण से संबंधित मामलो पर तत्काल सुनवाई की मांग की है। इस मामले में देश भर से 133 याचिकाएं दाखिल की गयी है। सभी याचिकाओं में राज्य के स्तर पर जटिल समस्याओं को उठाया गया है। दरअसल इलाहाबाद ,बम्बई और दिल्ली हाईकोर्ट सहित कई उच्च न्यायालयों ने पदोन्नति में आरक्षण मुद्दे पर अलग -अलग आदेश दिए है। आदेशों में प्रमोशन में आरक्षण लागू होगा की नहीं और लागू होगा तो किस तरह से लागू होगा।  

पदोन्नति में आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसला दिया है जिसे नागराज जजमेंट कहते है ,लेकिन नागराज जजमेंट फैसले से भी इस मामलें में पूरी तरह से प्रत्येक मुद्दे पर भ्रम दूर नहीं हुआ है और कई अनसुलझे सवाल हैं। अब सुप्रीम कोर्ट पदोन्नति में आरक्षण मसलें पर विस्तृत सुनवाई करेगा। 

आज की सुनवाई में केंद्र सरकार की तरफ से अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने कहा कि सन 2017 से केंद्र सरकार में पदोन्नति में आरक्षण रुका हुआ है। अटार्नी जनरल के अनुसार केंद्र सरकार ने एड हॉक बेसिस पर 4100 नियुक्तियां की है लेकिन ये नियुक्तियां रेगुलर होंगे या नहीं वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर निर्भर करेगा। फिलहाल केंद्र में 2500 रिक्त पद है ,जिन पर नियुक्ति नहीं हो पा रही है। केंद्र सरकार को समझ नहीं आ रहा है कि इन 2500 रिक्त पदों पर नियुक्ति किस तरह से हो। 

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बिहार सरकार ने भी कोर्ट में कहा कि बिहार में 60 %पद रिक्त है ,जिन पर नियुक्ति नहीं हो पा रही है।  पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नियुक्ति करना सुप्रीम कोर्ट का काम नहीं है और नहीं सुप्रीम कोर्ट सरकार को सलाह देगी। कोर्ट ने नागराज जजमेंट में सब कुछ कह दिया है और नागराज जजमेंट के आधार पर काम होना चाहिए। कोर्ट नागराज जजमेंट की समीक्षा नहीं करेगा।

इस पर अटार्नी जनरल वेणुगोपाल ने कहा कि नागराज जजमेंट में एक -एक बात को समझाया गया है लेकिन सरकार के सामने दिक्कत यह है कि कई उच्च न्यायालयों ने उसके बाद अलग -अलग जजमेंट दिए हैं ,जो विरोधाभाषी है। इसलिए सुप्रीम कोर्ट को इस पर स्पष्टता देनी होगी। राज्य सरकारों ने भी कहा कि मामले में कोर्ट जल्द सुनवाई कर आदेश दें वरना सरकारी नौकरियों में पद खली पड़े रहेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में 100 से अधिक याचिका कोर्ट में दाखिल की गई है,इसलिए सुप्रीम कोर्ट याचिकाओं का अलग -अलग बैच बनाकर सुनवाई करेगा। 

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पदोन्नति में आरक्षण का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है जिसमे बहुत सी याचिकाएं एक साथ सुनवाई के लिए संलग्न है। एम नागराज मामले में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने कहा था कि सरकसर को पदोन्नति में आरक्षण देने से पहले अपर्याप्त प्रतिनिधित्व के आंकड़े जुटाने होंगे।   

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