सहायक शिक्षकों की वेतन विसंगति दूर होने और क्रमोन्नति मिलने से होगी सही लाभ
cgshiksha.in रायपुर -छत्तीसगढ़ केबिनेट की बैठक में शिक्षाकर्मियों की पदोन्नति नियम को शिथिल करते हुए 5 वर्ष की सेवा शर्ते की जगह अब 3 वर्ष सेवा शर्ते कर दी गई है। यह कदम मंत्रिमंडल केबिनेट का स्वागत योग्य है। लेकिन पदोन्नति मिलने से सहायक शिक्षक के कुछ ही शिक्षकों को लाभ मिल पायेगा। सहायक शिक्षकों की समस्या वेतन विसंगति दूर होने और क्रमोन्नति का लाभ मिलने से ही हल हो पायेगी। पदोन्नति मिलने से प्रदेश के 20 से 30 हजार सहायक शिक्षकों को ही लाभ होगा जबकि प्रदेश में लगभग 109000 सहायक शिक्षक कार्यरत हैं ,क्या पदोन्नति से पुरे 109000 सहायक शिक्षकों को पदोन्नति मिलेगी ?नहीं ,पदोन्नति से केवल 20 से 30 %सहायक शिक्षकों को ही लाभ मिल पायेगा।
👉 भूपेश केबिनेट का बड़ा फैसला -सहायक शिक्षक एलबी बनेंगे प्रधानपाठक और शिक्षक ,पदोन्नति नियम में शिथिलता
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा पदोन्नति नियम में शिथिलता करना स्वागत योग्य है परंतु सरकार को प्रदेश में कार्यरत सभी शिक्षकों के हितों को ध्यान में रखकर पदोन्नति के साथ -साथ वेतन विसंगति को दूर करने और क्रमोन्नति की लाभ देना चाहिए। तभी प्रदेश के सभी 109000 सहायक शिक्षकों को सही लाभ मिल पायेगा। प्रदेश के सहायक शिक्षकों को एक ही पद पर कार्य करते हुए 10 वर्ष से लेकर 22 वर्ष तक हो गए हैं। अतः सरकार को पदोन्नति के साथ -साथ सहायकशिक्षकों की वेतन विसंगति को दूर करते हुए क्रमोन्नति का लाभ देने का फैसला लेना चाहिए। तभी सभी सहायक शिक्षकों को लाभ मिल पायेगा।
पदोन्नति से केवल 1998 से 2005 में नियुक्ति पाए शिक्षकों को मिलेगा लाभ - 👇
सरकार द्वारा पदोन्नति नियम में शिथिलता देने से जुलाई 2018 में संविलियन हुए शिक्षकों का पदोन्नति का रास्ता खुल गया है। सहायक शिक्षकों को प्राथमिक शाला के प्रधानपाठक और उच्च वर्ग के शिक्षक के पदों पर अब पदोन्नति मिल सकेगी लेकिन उक्त पदोन्नति से 1998 से 2005 बैच तक वालों को लाभ मिलने की संभावना है। वहीं 2006 -2007 बैच वालों को गिनती में गिने चुने सहायक शिक्षकों को लाभ मिलने की उम्मीद है।
मिली जानकारी अनुसार 2006-2007 और 2008 बैच वाले गणित ,विज्ञान और अंग्रेजी संकाय वाले कुछ सहायक शिक्षकों का भी पदोन्नति हो चूका है। पदोन्नति से सबसे ज्यादा कला संकाय के सहायक शिक्षक वंचित हुए हैं। अभी भी पदोन्नति होगी उसमें कला संकाय के शिक्षक पदोन्नति से ज्यादातर बाहर हो जायेंगे। इसलिए वेतन विसंगति का दूर होना और क्रमोन्नति का लाभ मिलना सहायक शिक्षकों की समस्या का अंत होगा।
सहायक शिक्षकों की समस्या का अंत -वेतन विसंगति का दूर होना और क्रमोन्नति का लाभमिलना - 👇
प्रदेश के आम सहायक शिक्षक सहित सभी शिक्षक संघटनों के शिक्षक नेताओं ने राज्य मंत्रिमंडल केबिनेट द्वारा लिए गए पदोन्नति निर्णय का स्वागत किया है। लेकिन इस पदोन्नति निर्णय से केवल 20 से 30 %सहायक शिक्षकों को लाभ होगा बाकि 70 से 80 %सहायक शिक्षकों को किसी भी प्रकार से कोई भी लाभ नहीं होगा। सभी शिक्षक संघटन इस पदोन्नति नियम निर्णय का श्रेय लेने का विज्ञापन करने में व्यस्त होने लग गए हैं,ये पदोन्नति में शिथिलता की जीत समस्त शिक्षक संवर्ग की जीत है। वास्तविक में ये शिक्षक नेता सहायक शिक्षकों का हित चाहते है तो सहायक शिक्षकों की वेतन विसंगति को दूर करने और क्रमोन्नत वेतनमान दिलाने के लिए लड़ाई लड़े क्योंकि सहायक शिक्षकों की समस्या का समूल समाधान वेतन विसंगति दूर होना और क्रमोन्नत वेतनमान मिलना है।
प्रदेश के संभागवार प्राथमिक प्रधानपाठक के रिक्त पद यहाँ देखें - 👇
शिक्षा विभाग के सूत्रों अनुसार पुरे छत्तीसगढ़ के शासकीय प्राथमिक शालाओं के रिक्त प्रधानपाठकों के 22000 पद हैं। जिनमें सहायक शिक्षक एलबी संवर्ग के शिक्षकों की पदोन्नति होगी। रिक्त प्रधानपाठक पदों का विवरण संभागवार निम्नानुसार है -
बिलासपुर संभाग -4690 पद
रायपुर संभाग -5072 पद
दुर्ग संभाग -4267 पद
बस्तर संभाग -3648 पद
सरगुजा संभाग -4032 पद
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उच्च वर्ग शिक्षक और व्याख्याता और प्राचार्य के रिक्त पद विवरण देखें - 👇
भूपेश सरकार केबिनेटद्वारा लिए गए निर्णय अनुसार सहायक शिक्षकों की उच्च वर्ग शिक्षक और प्राथमिक प्रधानपाठकों के पद पद पर पदोन्नति के साथ -साथ शिक्षक एलबी का पदोन्नति व्याख्याता के पद पर पदोन्नति होना है।
पूर्व माध्यमिक शालाऔर हाईस्कूल में लगभग रिक्त पद देखें -
उच्च वर्ग शिक्षक -8000 पद
मिडिल स्कूल प्रधानपाठक -6000 पद
व्याख्याता -10000 पद
प्राचार्य -2800 पद
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