सहायक शिक्षकों के हड़ताल से प्रदेश की शिक्षा अध्यापन व्यवस्था चरमराया ,सरकार नहीं दिख रही गंभीर ,शिक्षक भी अडिग

 सहायक शिक्षकों के हड़ताल से प्रदेश की शिक्षा अध्यापन व्यवस्था चरमराया ,सरकार नहीं दिख रही गंभीर ,शिक्षक भी अडिग 

cgshiksha.in रायपुर -प्रदेश में शिक्षकों के हड़ताल से बच्चों  अध्यापन व्यवस्था पूरी तरीके से चरमरा गई है। प्रदेश के 109000 सहायक शिक्षक 11 दिसंबर से अपनी एक सूत्रीय मांग वेतन विसंगति को दूर करने के लिए सरकार के खिलाफ अनिश्चितकालीन आंदोलन में राजधानी रायपुर मेंडटे हुए है। शिक्षकों के हड़ताल को ख़त्म करवाने के लिए सरकार गंभीर दिखाई नहीं दे रही है। लम्बे कोरोना काल के बाद स्कूल खुला। बच्चों की पढ़ाई फिर से पटरी पर दौड़ती दिखाई दे रही थी। प्रदेश के भविष्य नौनिहाल बच्चों को गढ़ने वाला शिक्षक अपनी मांग को लेकर सड़क पर आ गए हैं ,इससे प्रदेश में एक बार फिर अध्यापन व्यवस्था चरमरा सी गयी है। 


प्रदेश के प्राथमिक शाला का अध्यापन व्यवस्था पूरी तरह से ठप्प -   👇 


प्रदेश के प्राथमिक शालाओ के बच्चों का अध्यापन व्यवस्था 11 दिसंबर से ठप्प है क्योंकि प्रदेश के कुछ ही प्राथमिक शालाओ में नियमित प्रधानपाठक हैं जबकि अधिकांश शालाओं में सहायक शिक्षक एलबी ही पदस्थ हैं। पुरे प्रदेश के 109000 सहायक शिक्षक एलबी 11 दिसंबर से अनिश्चितकालीन आंदोलन में चले गए हैं जिससे स्कूलों की पढाई पूरी तरह से ठप्प हो गई है। शिक्षा अधिकारियों द्वारा स्कूल स्तर के मिडिल स्कूलों और हाई /हायर सेकेंडरी स्कूलों से शिक्षक और व्याख्याताओं को प्राथमिक शालाओं के संचालन के लिए भेजा जा रहा है ,जो मध्यान्ह भोजन संचालन और स्कूल के पट खोलने तक के लिए दिख रहा है। 

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प्राथमिक स्कूल के साथ मिडिल और हाई /हायर सेकेंडरी के बच्चों की पढ़ाई प्रभावित -  👇 


सहायक शिक्षकों के अनिश्चितकालीन हड़ताल में चले जाने से प्राथमिक शालाओं की पढ़ाई पूरी तरह से बाधित हो गई है ,साथ ही मिडिल स्कूलों और हाई /हायर सेकेंडरी स्कूल के बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो गई है। सरकार द्वारा प्रत्येक हाई /हायर सेकेंडरी स्कूलों को संकुल बनाया गया है और सहायक शिक्षकों के हड़ताल पर चले जाने से प्राथमिक स्कूलों के संचालन के लिए मिडिल और हाई /हायर स्कूलों के शिक्षकों और व्याख्याताओं को भेजा जा रहा है जिससे मिडिल स्कूलों और हाई /हायर सेकेंडरी स्कूलों के बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह से बाधित हो रही है। 

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प्रदेश के कई हाई स्कूल की पढ़ाई संचालित होते हैं सहायक शिक्षकों के भरोषे -   👇 


प्रदेश में शिक्षा को लोगों तक पहुंचाने के लिए शासन द्वारा बहुत ही प्रयास किये जा रहे हैं। जिसके कारण लोगों के पहुँच में हाई /हायर सेकेंडरी स्कूल खोले गए हैं लेकिन इन स्कूलों में विषय शिक्षकों की पर्याप्त नियुक्ति नहीं है जिसके कारण अध्यापन व्यवस्था के तहत बहुत से हाई /हायर सेकेंडरी स्कूलों में सहायक शिक्षकों की व्यवस्था की गई है। इन सहायक शिक्षकों के हड़ताल में चले जाने से इन हाई /हायर सेकेंडरी स्कूलों की पढ़ाई पूरी तरह से ठप्प हो चुकी है। 

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प्रशासन नहीं दिख रही गंभीर  - 👇   


प्रदेश के भविष्य बच्चों की शिक्षा व्यवस्था शिक्षकों के हड़ताल पर चले जाने से पूरी तरह ठप्प पड़ गई है ,लेकिन शासन -प्रशासनशिक्षकों के हड़ताल को समाप्त करवाने की दिशा में गंभीर दिखाई नहीं दे रही है। सहायक शिक्षक फेडरेशन के पदाधिकारियों के अनुसार सरकार ने 4 सितंबर को फेडरेशन पदाधिकारियों को आश्वस्त किया था कि सरकार सहायक शिक्षकों  वेतन -विसंगति को दूर करने के लिए कमिटी बना रही है। कमिटी तीन महीने में अपना रिपोर्ट सरकार को सौपेगी जिसके आधार पर सरकार निर्णय लेगी लेकिन कमिटी ने समयावधि बीत जाने के बाद भी अपना रिपोर्ट नहीं सौंप पायी है और रिपोर्ट सौंपने के लिए तारीख -पे -तारीख दे रही है। इससे ऐसा लगता है कि शासन -प्रशासन सहायक शिक्षकों के हड़ताल को लेकर गंभीर नहीं है।

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प्रदेश के सहायक शिक्षक भी है अपने मांग पर अडिग -   👇   


प्रदेश के 109000 सहायक शिक्षक अपनी एक सूत्रीय मांग वेतन विसंगति को दूर करवाने के लिए 11 और 12 दिसंबर को विकासखंड और जिला स्तर पर धरना प्रदर्शन करने के बाद 13 दिसंबर से राजधानी रायपुर के बूढ़ातालाब में लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। विधानसभा घेराव ,जेल भरो आंदोलन ,स्वच्छता सत्याग्रह सहित शांति मार्च रैली लगातार करते आ रहे हैं। इस बीच शिक्षा प्रमुख सचिव आलोक शुक्ला से फेडरेशन पदाधिकारियों की मुलाकात एक बार हुई है जिसमें फेडरेशन के प्रतिनिधिमंडल द्वारा बीच बैठक से उठकर बाहर आ गया। तब से सहायक शिक्षकों और शासन के बीच कोई भी वार्ता नहीं हुई है। सहायक शिक्षक फेडरेशन अपनी मांगो पर अडिग हैं और कह रहे हैं कि अब सहायक शिक्षकों की लड़ाई आरपार की लड़ाई है। जब तक वेतन विसंगति दूर नहीं होगी तब तक हड़ताल भी ख़त्म नहीं होगी। 

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सहायक शिक्षकों के हड़ताल को मिल रहा है समर्थन -    👇 


प्रदेश के सहायक शिक्षकों के द्वारा किये जा रहे अनिश्चितकालीन आंदोलन को प्रदेश के सभी सहायक शिक्षकों के साथ ही अन्य शिक्षक संगठनों व अन्य कर्मचारी संगठन के द्वारा समर्थन दिया जा रहा है। शिक्षक संगठनों में संयुक्त शिक्षक संघ केदार जैन ,शालेय शिक्षक संघ वीरेन्द दुबे ,गवर्नमेंट एम्प्लाईज वेलफेयर कृष्णकुमार नवरंग ,छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोशिएशन संजय शर्मा ,विवेक दुबे ,अजाक्स ,सर्व आदिवासी समाज ,सतनामी समाज ,साहू समाज ,तृतीय वर्ग कर्मचारी संगठन ,बालक पालक संघर्ष समिति आदि संगठनों द्वारा मांग की समर्थन किया गया है और मुख्यमंत्री से सहायक शिक्षकों की वेतन विसंगति को शीघ्र दूर करने की मांग की है।

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किसान नेता राकेश टिकैत ने भी सहायक शिक्षक के मांग का किया है समर्थन -  👇  


देश के चर्चित किसान नेता श्री राकेश टिकैत ने 20 दिसंबर को सहायक शिक्षकों के धरनास्थल बूढ़ातालाब पहुंचकर सहायक शिक्षकों के एक सूत्रीय मांग वेतन विसंगति का समर्थन किया है। टिकैत ने सहायक शिक्षकों के वेतन विसंगति दूर करने की मांग को जायज बताते हुए शिक्षकों को आंदोलन में डटें रहने को कहा और इस संबंध में मुख्यमंत्री से जल्द निर्णय लेने को कहा है।

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11 वे दिन के आंदोलन का नेतृत्व किया महिला शिक्षकों ने -  👇  


सहायक शिक्षकों की इस अनिश्चितकालीन आंदोलन में प्रदेश भर के महिला सहायक शिक्षक भी अपनी जोरदार सहभागिता निभा रहे है। प्रतिदिन महिला शिक्षकों की उपस्थिति धरना प्रदर्शन में भारी तादाद में रहती है। साथ ही प्रदेश के दूर -सुदूर क्षेत्र की महिला शिक्षिका इस कंपकपाती ठण्ड में भी रात्रि में भी धरनास्थल में पुरुष शिक्षकों के साथ आंदोलन में अपनी सहभागिता निभा रही है। आंदोलन का 11 वा दिन महिला शिक्षिकाओं के नाम रहा। आज की धरना प्रदर्शन का संचालन महिला शिक्षिकाओं के द्वारा किया गया।

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