पदोन्नति में आरक्षण की मांग को लेकर अनुसूचित जाति ,जनजाति कर्मचारी संघटन और सामाजिक संघटनों ने किया राजधानी में में प्रदर्शन

 पदोन्नति में आरक्षण की मांग को लेकर अनुसूचित जाति ,जनजाति कर्मचारी संघटन और सामाजिक  संघटनों ने किया राजधानी में में प्रदर्शन 

cgshiksha.in रायपुर -प्रदेश में राज्य सरकार द्वारा आरक्षण विहीन पदोन्नति के विरोध में अनुसूचित जाति ,जनजाति अधिकारी कर्मचारी संघटन और सामाजिक संघटनो और सर्व आदिवासी समाज द्वारा आज राजधानी रायपुर के बूढ़ातालाब धरना स्थल में  प्रदेशव्यापी आंदोलन किया गया। पदोन्नति में आरक्षण की मांग को लेकर प्रदेश भर के अनुसूचित जाति ,जनजाति अधिकारी कर्मचारी और सामाजिक संघटनो ,सतनामी समाज और सर्व आदिवासी समाज के लोगो का हुजूम उमड़ पड़ा।आरक्षित वर्ग के लोगो की गुस्सा आने वाले समय में कांग्रेस सरकार के लिए मुसीबत भी बन सकती है। 



छत्तीसगढ़ के भूपेश सरकार ने अन्य विभाग के साथ -साथ शिक्षा विभाग में प्रदेश के प्राथमिक शालाओं और मिडिल शालाओं में प्रधानपाठक और शिक्षक के पदों में लगभग 40000 पदों पर पदोन्नति कर रहा है। इस पदोन्नति प्रक्रिया में किसी भी प्रकार का आरक्षण रोस्टर नियम का पालन नहीं किया जा रहा है। आरक्षणविहीन पदोन्नति से गुस्साए अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के अधिकारी कर्मचारी और सामाजिक संघटन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ एकजुट होकर राजधानी  रायपुर के प्रमुख मार्गों पर पैदल मार्च ,बूढ़ातालाब में जल सत्याग्रह ,धरना प्रदर्शन कर मंचीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मंचीय कार्यक्रम के साथ ही आंदोलनकारियों के द्वारा मुख्यमंत्री  घेराव करने निकला गया। 




प्रदेश भर से आरक्षित वर्ग के हजारो आंदोलनकारी रायपुर पहुंचे थे। आरक्षित वर्ग के आंदोलनकारियों ने समाज के सभी सामाजिक ,सांस्कृतिक ,धार्मिक और राजनीतिक कार्यक्रमों में जनप्रतिनिधियों का बहिष्कार करने का ऐलान किया। धरना प्रदर्शन  प्रदेश  आए आरक्षित वर्ग के अधिकारी कर्मचारी संघटनो के कर्मचारी नेता ,सामाजिक संघटनो के नेता और सामाजिक नेताओं  सम्बोधित हुए प्रदेश  रहे आरक्षणविहीन प्रमोशन पर तत्काल रोक लगाने और पदोन्नति में आरक्षण नियम का पालन करने को कहा अन्यथा सरकार के विरुद्ध आंदोलन उग्र करने का चेतावनी दिया गया।

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कर्मचारी नेताओं और सामाजिक संघटनो के नेताओं ने कहा कि प्रदेश की भूपेश सरकार आरक्षणविहीन पदोन्नति कर प्रदेश के 45 %अनुसूचित जाति  जनजाति वर्ग  सवैधानिक अधिकारों का हनन कर रही है। प्रदेश की कांग्रेस सरकार प्रदेश के पिछड़े ,दलितों और आदिवासियों ,शासकीय सेवको के अधिकारों की हनन कर रही है। सीधी भर्ती के साथ पदोन्नति में भी आरक्षण अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग का सवैधानिक अधिकार है। जिसका हनन राज्य सरकार और उसके प्रशासनिक अधिकारियो द्वारा  हैं। 


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आज इस धरना प्रदर्शन को सर्व आदिवासी समाज के प्रदेश अध्यक्ष पूर्व सांसद सोहन पोटाई ,आरक्षण बचाओं मोर्चा के मुख्य संयोजक सुरेश दिवाकर ,प्रगतिशील सतनामी समाज के प्रदेश अध्यक्ष एमएल कोशले ,,मोहन बंजारे ,अजाक्स के प्रदेश अध्यक्ष लक्षमण भारती ,सर्व आदिवासी समाज के युवा  सुभाष परते ,गवर्नमेंट एम्पलाईज एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष कृष्णकुमार नवरंग ,जीतेन्द्र पाटले ,अनुसूचित जनजाति सेवक संघ के आरएन ध्रुव ,क्रन्तिकारी शिक्षक  लैलुन भारदवाज ,एससीएसटी ओबीसी महासंघ के राधेश्याम टंडन ,केपी खांडे आदिवासी समाज के प्रदेश अध्यक्ष भारतसिंह ,,विष्णु बघेल ,भीम आर्मी के राजकुमार जांगड़े ,भीम रेजिमेंट  प्रदेश अध्यक्ष दिनेश चतुर्वेदी ,मोहन बंजारे ,दीपक मिरी ,दाऊराम रत्नाकर आदि अन्य नेताओ ने अपना विचार रखा और सरकार को तत्काल आरक्षणविहीन पदोन्नति पर रोक लगाने की मांग की अन्यथा उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।   

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