छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों को मिल सकती है ओल्ड पेंशन की सौगात ,सरकार इसी बजट सत्र में कर सकती है घोषणा

 छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों को मिल सकती है ओल्ड पेंशन की सौगात ,सरकार इसी बजट सत्र में कर सकती है घोषणा 

cgshiksha.in रायपुर -राजस्थान राज्य की अशोक गहलोत सरकार और झारखण्ड के हेमंत सोरेन सरकार द्वारा प्रदेश के कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का लाभ देने की घोषणा के बाद छत्तीसगढ़ में भी पुरानी पेंशन की मांग कर्मचारी संघठनों  द्वारा जोर -शोर से की जा रही है। इस बीच सरकार द्वारा ओल्ड पेंशन को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के वक्तव्य से लगता है कि छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों को भी बहुत जल्दी पुरानी पेंशन की सौगात मिल सकता है। पुरानी पेंशन लागू होने से सरकार पर कोई वित्तीय भार नहीं पड़ने वाली है ,ऐसा कर्मचारी संघठनों द्वारा कहा जा रहा है।


राजस्थान राज्य की कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार द्वारा ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने के बाद झारखण्ड राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा झारखण्ड के सरकारी कर्मचारी को पुराणी पेंशन का लाभ देने की घोषणा कर दी है। पडोसी राज्य झारखण्ड में पुरानी पेंशन योजना लागू करने की घोषणा के बाद अब छत्तीसगढ़ राज्य के कर्मचारियों को उम्मीद है कि भूपेश सरकार इसी बजट सत्र में पुरानी पेंशन योजना लागू करने की घोषणा कर सकती है।आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ राज्य का विधानसभा बजट सत्र 07 मार्च 2022 से प्रारंभ होने जा रहा है। माना जा रहा है कि छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों को प्रदेश की भूपेश बघेल सरकार इसी बजट सत्र में पुराणी पेंशन की लाभ देने की घोषणा कर सकता है। वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पुरानी पेंशन योजना लागू करने के लिए वित्तीय स्थिति की अध्ययन करने की बात कही है। 

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पुरानी पेंशन योजना लागू करने से राजस्व पर नहीं पड़ेगा वित्तीय भार👇 


प्रदेश के कर्मचारी संघठनों के कर्मचारी नेताओं का कहना है कि प्रदेश में कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने से सरकार के राजस्व पर किसी भी प्रकार का वित्तीय भार अभी नहीं पड़ने वाला है बल्कि पुरानी पेंशन योजना लागू करने से प्रदेश सरकार को हर महीने लगभग 300 करोड़ रुपये की बचत होगी। सरकार वर्तमान में यह राशि प्रतिमाह अंशदान के रूप में जमा करती है। पुरानी पेंशन योजना लागु करने से यह अंशदान राशि सरकार को जमा नहीं करना पड़ेगा ,इससे सरकार को प्रतिमाह लगभग 300 करोड़ राशि की बचत होगी।कर्मचारी संगठनों का कहना है कि यदि वित्तीय स्थिति की बात करें तो तो प्रदेश में वर्ष 2004 के बाद नियुक्त अधिकारी कर्मचारी 2030 के बाद ही सेवानिवृत्त होने लगेंगे ,तभी सरकार पर वित्तीय भार पड़ना शुरू होगा। 

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वित्त विभाग ने पुरानी पेंशन को लेकर शुरू की तैयारी 👇


राजस्थान सरकार द्वारा पुरानी पेंशन योजना लागू करने की घोषणा के बाद अब छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा इसे लेकर तैयारियां शुरू हो गई है। प्रदेश का वित्त विभाग पुरानी पेंशन  लेकर तैयारियां तेज कर दी है। पुरानी पेंशन योजना लागू करने से सरकार पर 10से 12वर्ष तक वित्तीय भार नहीं पड़ने वाला है बल्कि करोड़ो रुपये की बचत होगी। छत्तीसगढ़ में पिछले केबिनेट बैठक में पुरानी पेंशन योजना पर चर्चा हो चुकी है। वित्त विभाग  केबिनेट बैठक के बाद इस  तैयारी शुरू कर दी है।

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पुरानी पेंशन योजना लागू होने से प्रदेश के लगभग 2.95लाख कर्मचारियों को होगा लाभ👇 


प्रदेश के सभी कर्मचारी संघठनों द्वारा पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग को लेकर लगातार सरकार पर दबाव बनाये जा रहे थे। राजस्थान सरकार और झारखण्ड सरकार द्वारा पुरानी पेंशन योजना लागू करने की घोषणा के ताजा घटनाक्रम के बाद छत्तीसगढ़ के कर्मचारी संगठनों ने पुरानी पेंशन योजना की बहाली को लेकर मांग तेज कर दी है। प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना लागू होने से प्रदेश के लगभग 2.95 लाख सरकारी कर्मचारियों को लाभ मिलेगा।वित्त विभाग के अधिकारियों केअनुसार छत्तीसगढ़ में 2 लाख 95 हजार 110 सरकारी कर्मचारी कार्यरत हैं।

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कांग्रेस नेता राहुल गाँधी चाहते है पुरानी पेंशन योजना लागू हो,बघेल और गहलोत की ली थी इस मुद्दे पर बैठक 👇


केंद्र कीअटल विहारी वाजपेयी सरकार द्वारा नवंबर 2004 में पुरानी पेंशन योजना को बंदकर नई पेंशन योजना लागू करने के बाद छत्तीसगढ़ में भी राज्य के कर्मचारियों के लिए नई पेंशन योजना अप्रैल 2005 से लागू की गई है। राजस्थान की कांग्रेस सरकार द्वारा पुरानी पेंशन योजना लागू करने की घोषणा और उत्तरप्रदेश चुनाव में कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू करने की बात मुद्दा बनने के बाद कांग्रेस हाईकमान कांग्रेस शासित राज्यों में पुरानी पेंशन योजना लागू करना चाहता है। इसी मुद्दे को लेकर राहुल गाँधी ने रविवार को नई दिल्ली में राजस्थान के मुख्यमंत्री और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के साथ बैठक कर पुरानी पेंशन योजना को लागू करने पर जोर दिया है।

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पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस )-

पुरानी पेंशन योजना में कर्मचारी को रिटायरमेंट  समय मिलने वाली वेतन की आधी राशि प्रतिमाह पेंशन के रूप में  जाती है। इसके लिए कर्मचारी वेतन से किसी प्रकार का पैसा नहीं काटा जाता है। कर्मचारी का वेतन भुगतान सरकार की कोषालय (ट्रेजरी )के द्वारा की जाती है। कर्मचारी को रिटायरमेंट पर 20 लाख रुपये तक की राशि ग्रेज्युटी में मिलती है। जो कि अंतिम वेतन का 16.5 गुना तक होता है। किसी कर्मचारी की मृत्यु हो जाने पर उसके परिवार को पेंशन मिलता है। पुरानी पेंशन योजना में जीपीएफ का प्रावधान है। 6 महीने बाद डीए दिया जाता है।जीपीएफ से कर्मचारियों को लोन लेने की सुविधा है। जीपीएफ निकासी पर कर्मचारी की रिटायरमेंट के समय कोई भी आयकर नहीं लगता है।



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नई पेंशन योजना (एनपीएस )-

नई पेंशन योजना स्कीम में कर्मचारी  बेसिक सैलरी डीए का 10 %हिस्सा कटता है। नई पेंशन योजनाशेयर मार्केट पर आधारित है। इसलिए नई पेंशन स्कीम सुरक्षित नहीं है। इस स्कीम में 6 महीने बाद डीए का प्रावधान नहीं है। इस योजना  कर्मचारी के रिटायरमेंट होने पर निश्चित पेंशन की गारंटी नहीं है। इस नई पेंशन स्कीम में पारिवारिक पेंशन का प्रावधान नहीं है। यह योजना शेयर मार्केट पर आधारित है इसलिए टैक्स का भी प्रावधान है। पेंशन के लिए कर्मचारी को एनपीएस फंड की 40 %राशि निवेश करना होता है। नई पेंशन योजना में जीपीएफ का प्रावधान और लोन लेने की सुविधा नहीं है।  

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