छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों को मंहगाई भत्ता वृद्धि के लिए अभी और करना होगा इंतजार ,मुख्यमंत्री ने कहा ये बात
cgshiksha.in रायपुर -एक तरफ केंद्रीय कर्मचारियों और कुछ राज्यों के कर्मचारियों 34 %मंहगाई भत्ता मिल रहा है। छत्तीसगढ़ के मातृ प्रदेश के कर्मचारियों को 31 %मंहगाई भत्ता मिल रहा है ,वहीं छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों को आज भी तीन वर्ष पहले का मंहगाई भत्ता 17 %छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा दिया जा रहा है। आज कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन द्वारा पुरानी पेंशन बहाली लागु करने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री का सम्मान इंद्रावती भवन में किया गया। सम्मान समारोह में कर्मचारी नेताओं ने मुख्यमंत्री के समक्ष 17 %डीए वृद्धि की मांग रखी। लेकिन मुख्यमंत्री ने डीए वृद्धि की कोई घोषणा नहीं की बल्कि इंतजार करने को कहा।
कर्मचारियों को आज डीए वृद्धि होने की थी आश 👇
प्रदेश के कर्मचारियों को आज की सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री द्वारा मंहगाई भत्ता में वृद्धि किये जाने की आशा थी। कर्मचारियों को पूरा उम्मीद था कि प्रदेश के कर्मचारी 17 %मंहगाई भत्ते से पीछे चल रहे हैं। मुख्यमंत्री आज जरूर कुछ -न -कुछ सौगात जरूर देंगे। लेकिन कर्मचारियों की मंहगाई भत्ते में वृद्धि की आश धरी की धरी रह गई है। मुख्यमंत्री द्वारा मंहगाई भत्ता में वृद्धि नहीं किये जाने से प्रदेश का कर्मचारी -अधिकारी सरकार से नाखुश होने लगे हैं और केंद्र के समान 34 %मंहगाई भत्ते की मांग को लेकर आंदोलन की रणनीति बनाने में जुट गए हैं।
प्रदेश के कर्मचारियों को मिल रहा है केंद्र से आधा मंहगाई भत्ता 👇
केंद्र सरकार द्वारा अभी हाल में केंद्रीय कर्मचारियों की मंहगाई भत्ते में 3 %वृद्धि किये जाने से उनका मंहगाई भत्ता अब 34 %हो गया है। वहीं राजस्थान की कांग्रेस पार्टी सरकार द्वारा तथा कांग्रस समर्थित महाराष्ट की सरकार द्वारा अपने कर्मचारियों को केंद्र के समान 34 %मंहगाई भत्ता दिए जा रहे हैं।छत्तीसगढ़ के पडोसी और मातृ -प्रदेश मध्यप्रदेश के कर्मचारियों को अभी 31 %मंहगाई भत्ता दिया जा रहा है लेकिन छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों को अभी भी केंद्रीय कर्मचारियों से आधा 17 %मंहगाई भत्ता मिल रहा है। जिससे प्रदेश के कर्मचारियों को बहुत बड़ा आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने डीए वृद्धि को लेकर कही ये बात 👇
आज की अधिकारी -कर्मचारी फेडरेशन द्वारा इंद्रावती भवन में आयोजित सम्मान समारोह में माननीय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का पुरानी पेंशन बहाली के लिए द्वारा जोरदार तरीके से स्वागत किया गया और कर्मचारी नेताओं द्वारा मुख्यमंत्री के समक्ष लंबित 17 %मंहगाई भत्ते की वृद्धि की मांग रखा गया। जिस पर प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि "आप लोग हमको सम्मान करने के लिए बुलाये हैं या फिर मांग पूरा कराने के लिए। आप लोग मांग ही आज रख लीजिये। आप लोगों के चेहरे पर आज जितनी ख़ुशी मुझे सम्मान देते समय थी ,उससे कहीं ज्यादा खुशी मांग को लेकर आ रही है ,लेकिन मैं आप लोगों को निराश नहीं करूँगा। वित्त विभाग मेरे पास है ,मैं वित्तीय भार का आकलन कर बहुत जल्द आप लोगों को मंहगाई भत्ता का तोहफा दूंगा। "
लंबित 17 %डीए की मांग को लेकर 11 से 13 अप्रैल तीन दिवसीय आंदोलन प्रस्तावित 👇
प्रदेश के कई कर्मचारी संगठनों द्वारा लंबित 17 %मंहगाई भत्ता की मांग को लेकर राजधानी रायपुर में तीन दिवसीय निश्चित कालीन आंदोलन 11 अप्रैल से 13 अप्रैल तक प्रस्तावित है। मंहगाई भत्ता मोर्चा के बैनर तले प्रदेश के कई कर्मचारी संघठन के कर्मचारी लंबित 17 %डीए की मांग को लेकर राजधानी रायपुर के बूढ़ातालाब में हल्ला बोलते नजर आएंगे। इस निश्चितकालीन आंदोलन में कर्मचारियों को शामिल होने की अपील कर्मचारी नेताओं द्वारा किया जा रहा है।
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केंद्र के समान डीए न मिलने से कर्मचारियों रहा प्रतिमाह हजारों का नुकसान 👇
प्रदेश के कर्मचारियों को केंद्र के 34 %मंहगाई भत्ते की जगह 17 %मंहगाई भत्ता अभी मिल रहा है। इससे प्रदेश के कर्मचारियों प्रतिमाह बहुत बड़ा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। कुछ शिक्षक संगठनों के शिक्षक नेताओं ने बताया है कि प्रदेश में केंद्र से आधा मंहगाई भत्ता मिलने से प्रदेश के सहायक शिक्षकों को लगभग प्रतिमाह 5500 से 6000 रुपये ,शिक्षक वर्ग को प्रतिमाह 7500 से 10000 रुपये और व्याख्याता वर्ग को प्रतिमाह 8000 से 11000 रुपये का आर्थिक नुकसान हो रहा है।
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