कामों में दखल न दे पति परमेश्वर

कामों में दखल न दे पति परमेश्वर ;

देश में पंचायती राज व्यवस्था में महिलाओं को भी पुरुषों के समान प्रतिनिधित्व का अधिकार दिया गया है | हमारे छत्तीसगढ़ राज्य में महिलाओं को प्रोत्साहित करने के  लिए त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था में 50 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था है |जिसके तहत पंचायत चुनाव में महिला प्रतिनिधियों की संख्या पुरुषों से अधिक होती है क्योंकि सामान्य सीट से भी महिलाये चुनकर आती है लेकिन अधिकांश महिला जनप्रतिनिधि का कार्य उनके प्रतिनिधिके रूप में उनके पति या स्वजन के द्वारा कियाजाता है ,जो पंचायती राज अधिनियम का खुल्लम -खुल्ला उल्लंघन है | 

शासन का निर्देश ;-

छत्तीसगढ़ राज्य के पंचायती राज मंत्रालय ने अब स्पष्ट कहा है की पंचायत कार्यालय परिसर में महिला प्रतिनिधि के काम में  उनका कोई भी सागा -सम्बन्धी ,स्वजन या रिश्तेदार हस्तक्षेप नहीं करेंगे | यदि कोई स्वजन हस्तक्षेप करता है तो महिला प्रतिनिधि पर पंचायती राज अधिनियम के तहत कार्यवाही की जावेगी| 

छत्तीसगढ़ सरकार ने सभी जिला और जनपद पंचायत के मुख्या कार्यपालन अधिकारीयों को पत्र लिखकर निर्देश दिया है कि महिला जनप्रतिनिधियों के कार्यो व फैसलों में उनके स्वजन या रिश्तेदार किसी प्रकार से हस्तक्षेप न करे | 

छत्तीसगढ़ महिला जनप्रतिनिधि एक नजर में ;-

त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था के अंतर्गत जिला पंचायत ,जनपद पंचायत और ग्रामपंचायत आती है | वर्तमान छत्तीसगढ़ के 27 जिला पंचायत में से 15 महिला अध्यक्ष ,146 जनपद पंचायत में 90 महिला अध्यक्ष और 11664 ग्रामपंचायतों में 5822 महिला सरपंच निर्वाचित हुई है | 

जागरूक करने की जरुरत ;-

आज की महिलाएं किसी भी पैमाने में पुरुषों   से कम नहीं है चाहे खेल की दुनिया हो ,चाहे शिक्षा के क्षेत्र हो या राजनीती के क्षेत्र हो , सभी क्षेत्र में महिलाये पुरुषों से कंधे से कन्धा मिलाकर चलने को तैयार है |महिला जनप्रतिनिधियों को उनके पदकार्य  की महत्ता को बताने के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था शासन को करना चाहिए | 

महिलाओं को प्रशिक्षित करने के लिए किसी शक्तिशाली महिला जनप्रतिनिधि को चिन्हांकित कर उन्हें अन्य महिला प्रतिनिधियों को जागृत व प्रशिक्षित कर सशक्त व सबल बनाने के लिए प्रेरित करने की योजना लानी चाहिए |  

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